ठंडी मे रंडी की गॅंड मारी ट्रेन मे

दोस्तो मेरा नाम राजीव है मे अल्लहाबाद का रहने वाला हू .यह कहानी मेरी अवी हाल ही मे हुई चुदाई घटना पे आधारित है यह कहानी शुरू होती है अल्लहाबाद के रेलवे स्टेशन से मे देल्ही जा रहा था अपने बिज़्नेस के सिसीले मे
.मेरी स्लीपर की टिकेट थी ओर ठंड काफ़ी पॅड रही थी मेरी सीट नो. 54नो. अप्पर बर्त थी मे जैसे ही अपनी सीट मे पहुचा वाहा मुझे 3 लड़किया मिली जो हॉवरह से आ रही थी ..उनकी नीचे की सीट थी ..उनके साथ एक लड़का था ..वो सब देल्ही जा रहे
थे . लड़किया दिखने मे काफ़ी चालू किसिम की थी वो मेरे को देख के स्माइल पास कर रही थी,... मे व खुश था की इस्स बार ट्रॅवेलिंग मे बोर नही होऊँगा . मे उपर जाके अपनी सीट पे लेट गया उनमे से एक लड़की जो मुझे स्माइल दे रही थी वो
व थोड़ी देर बाद अपने साइड की उपर वाली सीट पे आके बैठ गयी ओर मोबाइल मे कुछ करने लगी ..मे लेट के टेढ़ी निगाहो से उसे देख रहा था वो व मुझे नज़रे गाड़ा के देख रही थी मे समझ गया था की लड़की यूयेसेस टाइप की है .मैने वी सोचा
जो हो रहा है होने दो .. पर लेकिन मैने यह काबी नही सोचा था की इश्स सफ़र के दौरान मे उसे चोद दूँगा .. रत के दस बॅज चुके ट्रेन खाली थी ओर सब ब्लंकेट लेके सो रहे थे ठंड काफ़ी पॅड रही थी . जिस तरफ मेरा मूह था उसी तरफ यूयेसेस
लड़की ने व अपना फेस काइया हुआ था ..ओर ताका जाकी वैसे ही चल रही थी ..अब मुझसे रहा नही जा रहा था उपर से मौका वी था मैं वी कह दिया की बस देखोगी ही या बात वी होगी हमरी कहती क्या कहा अपने... मैने कहा कुछ नही .. बोलती मे सम्झ गयी
मैने कहा तो कबि से देख रही हो बोल नही सकती थी .वो कहती की मुझे लगा अप्प्प डरपोक हो ,... आपमे मर्दो वाली कोई बात नही ह इसलये ब्स देखी जा रहे हो ..फिर मैने कहा ..मर्द वाली बात तो मोका मिले तो आचे से दिखा दूँगा वो बोली क्यू
अवी क्यू न्ही दिखा सकते .मैने कहा सबके सामने देखोगी .. तो आओ फिर वो एक सेक्सी सी स्माइल करते हुए बोली वॉशरूम वी होता है ट्रेन मे मे बोला अछा जी ..तो कहती आप चलो मे पीछे से आती हू .मे उतार के वॉशरूम मे घुस्स गया करीब
5मिंट बाद वो आई .. मैने वॉशरूम का दरवाजा दिला छोड़ा था वो आई न चुप छाप अंदर घुस गई मे झट से दरवाज़ा बंद की ओर उसके उपर टूट पड़ा मे उसे बहो मे जाकड़ के आचे उसकी चूमिया ले रहा था .. क्या गुलाब जामुन जैसे उसके सवाले गाल थे
ओर उभरा हुआ बदन हाए मेरा तो लॅंड जबसे उसको देखा था तभी खड़ा हो गया था मैने उसके टॉप उतरी अंदर उसके पिंक कलर की ब्रा जिसका सी 36इंच था .. बड़े बड़े चुचे मेरे सामने झूल्ल रहे थे उनको अपने हाथो मे लेके चूसने लगा,,ओर
चूस्ते हुए उसकी जीन्स की बटन खोलके जीन्स नीचे करके उसकी पेंटी मे हाथ डालके उसकी चूत को सहलः रहा था काफ़ी गरम थी उसकी चुत ..लावा छोड़ रही थी .. मेरा हाथ उसकी चुत की बालो के साथ उसकी चुत को मसल रहा था ..मैने उसको गोद मे
उठा के कम्र्ड (वेस्टर्न टाय्लेट सीट) पे बिता दिया ओर वो मेरे जीन्स से बेल्ट निकल के मेरा ज़िप खोली ओर मेरे अंडर वेर के उपर से ही लॅंड को मूह मे लेने लगी फिर बाहर निकल के चुस्स रही थी .. उसके इश्स टेरेह चूसने मे समझ
गया था की यह पहली से एक्सपर्ट है छुड़ाने मे मे व उसके बहरपुर आनेंड ले रहा था .. मैं उसकी तंग उठाई ओर अपने लॅंड पे कॉंडम चड़ाया ..जो मे हमएसा अपने पास र्खहता हू .. फिर उसकी टॅंगो को खोले उसकी चूत पे लॅंड रखा ओर ले दाना
दान चुदाई शुरू कर दी थी उसकी चूत खुली होने क्र कारण मेरा लॅंड आराम से उसकी चूत की गहराहियो मे जा समा गया ओर उसकी मूह से आआहह निकल दिया .. अब मेरे सारे शॉट्स पे उसकी मूह से च्ीककक की आवाज़ नकल रही थी ..मे उसका मूह बंद
करने की कोसी क्र रहा था पर ट्रेन की चलने की वेजेह से वजाज़ बाहर नही जा रही थी मैने उसको कुटिया पोस्टीओं मे घुमाया ओर पीछे से उसकी चूत मे लॅंड डालके ले दान दान उसकी चूत का छोड़ा ..उसकी सीसीया निकलते जा रही थी ... पर
मुझे आनंद वो नही आ रहा था क्यूनी रांडो थी वो ओर उसकी चूत इतनी खुली थी की मुझे मज़ा नही आर आह था ..मैने अपना लॅंड निकाला ओर उसके मूह मे दे दिया ओर वो खूब चूसने लगी ... फिर मैने अपना लॅंड पे तुक्क्क लगाया ओर उसकी गंद के
छेड़ पे रखा वो मुझे माना कर रही थी .. मैने कहा बहेनचोड़ रंडी साली चूत का तो बोसड़ा बनवा रखा है गंद मरने दे वरना .. जाने नही दूँगा ..वो बोली मैने पहले काबी नही मरवाई गंद मैने कहा तभी तो मार रहा हू तेरी चूत मुझे बिकुल भी
मज़ा नही दी .. मैने उसकी गंद की छेड़ पे लॅंड लगाया ओर उसको झुका के उसके दोनो चुदतड़ो को अपने हाथो से अलग काइया ओर एक झते से लॅंड अंदर डाला उसकी इटनज़ोर से चीख निकल गई ..पर मैने ध्यान ना देते हुए उसकी लॅंड मे घुसे
लॅंड को हिलने लगा उसके गंद से ब्लीडिंग होने लगी पर इतनी टाइट गंद का अवद आ रहा था चोदने मे .. छोड़ा जा रहा था उसको पहले काफ़ी दर द हुआ पजीर वो व मज़े मे आके गंद उठा उठा के मुजसे मरवा रही थी..करीब 10 मिंट चोदने के बाद मेरा
लॅंड आखरी चरण पे आ गया था ओर झुटने वाला था मैने बिना ब्रेक लगाए उसकी गंद मे ठोकता रहा ओर सारा माल उसकी गंद मे भर दिया .. ओर जल्दी से जीन्स डाली ओर बहरा निकल आया जो करीब 15मिनिट बाद आचे से सब सॉफ काकरे आई ..ओर मुझे गुसे
से देख रही थी उसकी मैने उसकी गंद जाबर दस्ती मारी थी /..मैने कह दिया क्यू देख ली मर्द की मर्दनिगि ओर बोली .. ज्यदा ना बोलो ..मेरी हालत खर्ब कर दी बहुत दर्द हो रहा है ,...मैने कहा चलो पीछे वाली व दुकान खुल गई है वो व छुड़वा
लिया करो .. वो बोली रंडी स्मझा है क्या मे बोला ..ओर नही तो क्या हो तुम ...वो मुझे गुसे से ड़ख रही थी ..ओर थोड़ी ही देर बाद मे गाज़ीबाद स्टईओं पे उतार गया .. सो दोस्तो यह थी मेरी एक रंडी की गंद फदड चुदाई के कहानी .. अगर पसंद आई
हो तो लीके ज़रूर करे ..आपका अपना राजीव...