दो बहनो की ग्दराई जवानी की गॅंड मारी


दोस्तो आज मे आपको अपने दो बहनो की चुदाई ओर गॅंड मरने की कहानी सुनने जा रहा हू .वो मेरी पड़ोसन है बड़ी बेहेन का नाम कविता है जो की 21 साल की है ओर छोटी का नाम सोनम है जो अवी 19 साल की है उनके भाई यहा नही रहते ओर उसके पापा
का ट्रॅवेल्ज़ का बुसिनेस है तो आमतोर मे बाहर ही रहते है . उउस्के ओर हमरी फॅमिली मे आकफी मेल जोल है ओर आना जाना लगा रहता है तो आएेई दोस्तो आपको बतता हू कैसे मैने अपने पड़ोसन की गॅंड मारी मैं कई सालों से सेक्सी
कहानिया पड़ता आया हू ओर सेक्शी मूवीस भी देखते आया हू इसलिए मेरी नज़र कविता पर हमेशा खराब ही रही है पर मैने कभी जाहिर नही होने दिया. वैसे दोनो बहने काफ़ी शर्मीली है ओर अभी तक उनका किसी लड़के से कोई चक्कर नही है
क्योंकि वो स्कूल या कॉलेज से सीधे घर आती है ओर फिर कहीं नही जाती ना ही कभी मैने किसी लड़के को उनके पीछे आते हुए देखा है. उनकी मों म्र्स. शालिनी जो मेरी मों की काफ़ी अची सहेली है हमारे घर पे काफ़ी आती है. वो मूज़े
भी अपने बेटे जैसा समझती है क्योंकि उनके दोनो बेटे ओर उनके पति बाहर रहते है इसलिए उनके घर का ज़्यादातर कम मई ही करता हू. जैसे बेज़ार से समान लाना, आता पिसवाना, दवाई वगेरह लाना इत्यादि. एक बार की बात है आंटी हमारे
घर पर आई ओर मुजसे बोली के बेज़ार से कुछ समान लाना है तुम घर पी आ जाना मैं तूमे लिस्ट दे दूँगी. मैं उनके गहर पर गया तो दोनो बीहने रूम मे पद रही थी. आंटी ने मूज़े ईक लिस्ट दी ओर कहा के एह समान बेज़ार से ले आओ उन्होने
कहा के कुछ समान मेडिकल स्टोर पर मिलेगा. मैने लिस्ट ले ली ओर बिके पे बेज़ार चला गया वहाँ मैने परचूनी ई दुकान से कुछ समान लिया ओर जब मैने लिस्ट मे देखा तो 1 आइटम बच गयी थी ओर वो थी विस्पर पॅड्स. मैं मेडिकल स्टोर पर
गया ओर वहाँ से मैने विस्पर पॅड्स ले लिए ओर सारा समान आंटी को दे दिया. आंटी ने मुज से समान लेकर कविता को दे दिया ओर कहा के एह समान रख दो. कविता ने समान ले लिया ओर मैं वापिस आ गया लेकिन मैने देखा की ग़लती से विस्पर
मेरी बिके मे ही रह गया था. मैं वापिस समान देने गया तो देखा आंटी बातरूम मे चली गयी थी तो मैने कविता को आवाज़ दी तो उसकी जगह पर सोनम बाहर आई मैने उससे कहा के ये समान रह गया था तो उसने मेरे हाथ से पॉलितेन ले लिया ओर
खोल कर देखने लगी. जैसे ही उसने पॉलितेन खोला तो एकद्ूम से बंद कर दिया. मैने पूछा की इसमे ऐसा क्या है जो तुम इतना घ्हबरा रही हो तो वो हल्के से मुस्कुरा दी ओर बोली के इसमे तुम्हारे मतलब की चीज़ नही है ओर यह कह कर
अंदर भाग गयी. मैं बाहर खड़ा रहा तभी मूज़े दोनो बहनो की आवाज़ सुनाई दी कविता सोनम को दाँत रही थी के तुमने पॅकेट खोल कर क्यों देखा. मैं वहाँ पर रुका नही ओर गहर वापिस आ गया. एक दिन जब मैं सुबह नहा कर कॉलेज जाने के लिए
त्यआर हो रहा था तो आंटी ने कहा के आज शाम को मूज़े डॉक्टर के पास ले जाना मेरी तबीयत कुछ ठीक नही है. पड़ेगा. अब बड़ी दिक्कत हो गयी थी क्योंकि आंटी के अड्मिट होने पर दोनो बहने अकेली रह जाती लेकिंग मेरी मों ने कहा के
वो आंटी के साथ हॉस्पिटल मे रहेंगी ओर मूज़े उन दोनो बहनो के पास रात को रुकना पड़ेगा. मैने हाँ कर दी ओर मों आंटी के पास चली गयी. रात को मैं आंटी ओर मों के लिए खाना ले कर हॉस्पीओतल मा गया तो मों ने बोला के बेटा ध्यान
से सोना ओर कविता खाना नही बना सके तो बेज़ार से ले आना मैं उनको खाना देकर घर आ गया ओर वो दोनो एक रूम मे सोनेर चली गयी ओर मैं दूसरे रूम मे. मूज़े रात को सेक्शी बुक पड़ने की आदत है इसलिय मैं बुक अपने साथ ले आया ओर
पड़ने लगा. बुक पड़ते पड़ते जब मेरा लंड खड़ा हो जाता तो मैं टाय्लेट मे जाकर हस्तमैथुन कर आता था. आज भी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था ओर मेरे मान मे हस्तमैथुन करने की आई तो मैं उठ कर टाय्लेट मे चला गया. आंटी के घर पे
एक ही कामन टाय्लेट था. मैं अंदर गया ओर जकाए अपना पायज़मा निकल कर अपने लंड को बाहर निकल कर पहले तो उसपे तेल लगा कर कुछ टाइम तक रगड़ता रहा ओर फिर ज़ोर ज़ोर से हिलने लगा. मैं उन दोनो बहनो को अपने माइंड मे रख कर मूठ
मार रहा था. अचानक एकद्ूम से टाय्लेट का गाते खुला ओर कविता अंदर आई. मैं घबरा गया मियने जल्दी जल्दी मे टाय्लेट के गाते की कुण्डी ढंग से नही लगा पाया था इसलिय कविता ने जैसे ही गाते पे ज़ोर लगाया तो गाते खुल गया. अब
मेरी हालत देखने लायक थी एक हाथ मे मैने अपना लंड पकड़ रखा था जो के झड़ने के करीब था ओर दूसरे हाथ से मैने अपना पयज़ामा उठाया ओर उपर चड़ा लिया. कविता ने मूज़े बड़ी अजीब नज़रों से देखा ओर कुछ बोले बिना ही बाहर भाग
गयी. मैं जल्दी से बिना झाडे ही टाय्लेट से बाहर आया ओर अपने रूम मे चला गया. अब मेरे दिमाग़ मे बहुत ज़्यादा गर्मी थी क्योंकि मैं झाड़ नही पाया था. 15 मिनिट लेते रहने के बाद मूज़े टाय्लेट का गाते खुलने की आवाज़ आई
मैं समझ गया के कविता आई है. अब मेरे दिमाग़ मे आतानी आने लगी मैं चुपके से उठा ओर जाकर टाय्लेट के गाते के पास खड़ा हो गया. 10 मिनिट बाद जैसे ही कविता बाहर आई तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया. उसने मूज़े ज़ोर से ढाका दिया ओर
बोली के ये क्या कर रहे हो मैं तुम्हारी जान निकल दूँगी. मैं एकद्ूम से खड़ा हुआ ओर मैने फिर उसको पकड़ लिया ओर एकद्ूम से टाय्लेट मे ले गया. उनसे छीलाने के लिए मूह खोला तो मैने उसके मूह पे हाथ रख दिया. मैने उससे कहा
हरमज़ड़ी जब मेरा लंड देख ही लिया तो अब इसका पूरा इस्तेमाल तो देख के ये क्या कम आता है. वो मेरे मूह से इस तरह की बाते सुन कर एकद्ूम से डांग रह गयी क्योंकि मैं उसके सामने कभी ऐसे पेश नही आया था. उसने पिंक कलर का
कुर्ता पायज़मा पहन रखा था. मैने अपनी जाब से रुमाल निकल कर उसका मूह बाँध दिया ओर उसे दीवार के सहारे लगा कर उसके कपड़ो के उपर से यूस्क बूब्स पकड़ लिए ओर दबाने लगा. ओह क्या बूब्स थे उसके हाथ मे आते ही ऐसा लगा जैसे
कोई नरम नरम संतरे मेरे हाथ मे आ गये हो. मेरे लंड की हालत खराब हो गयी थी. मैं कितनी देर तक उसके कपड़ो के उपर से ही उसकी चुचियों का दबाता रहा. वो मुझसे छूटने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही थी पर मैने उसे दबोचा हुआ था जैसे
चील कबूतर को दबोच लेती है. उसका कोई ज़ोर नही चल रहा था. फिर मैने उसको नीचे बिता दिया ओर उसका कुर्ता उतार दिया उसने अंदर ब्लॅक कलर की लेस वाली ब्रा पहन रखी थी. उसका मूह बंद था नही तो वो ज़ोर से चलती. उसने मूज़े फिर
ढाका दिया मैं पीछे जा क्ले गिरा. मूज़े गुस्सा आया ओर मैने खड़े होके एक जोरदार तपद उसके गॅलन पे मारा. उसके गाल पे मेरी उंगलियों के निशान पद गये ओर उसकी आँखों से आँसू बहने लगे. मैने कहा साली जवान हो गयी है अब मज़े
ले ले नही तो बाद मे ऐसा मोका नही मिलेगा. वो मूज़े खा जाने वाली नज़रों से देख रही थी पर उसका कोई ज़ोर नही चल रहा था. मैने धीरे धीरे अपने हाथ उसके गालो पे फिरने शुरू कर दिए. वो अपना मूह ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी तो मैने
उसके बाल पकड़ लिए ओर ज़ोर से खींच दिए. अब मुज पर वहशी पं आता जर आहा था. अब मैं उसके मम्मो को ब्रा के उपर से ही दबाने लगा. तुम समझ सकती हो के मेरे दिल पे क्या बीिट रही होगी. उसके माममे मेरे हाथ मे ऐसे लग रहे थे
जैसे नरम माज़ का टुकड़ा. मेरा मान कर रहा था के उन्हे उसकी छातियों से उखाड़ कर खा जाओ. मैने उसके माममे बहुत ज़ोर से दबा दिए जििसे उसको बहुत दर्द हुआ ओर वो अपने पैर मरने लगी. अब मैने उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसके
मम्मो को आज़ाद कर दिया. एकद्ूम वाइट कलर के मांमेर ओर उस पर हल्के ब्राउन कलर के निपल क्या लग रहे थे. उसने पहले कभी अपने मोम्मो पर किसी मर्द का हाथ नही लगवाया था. मैने उसे दीवार के सहारे बिता रखा था ओर खुद उसके
आगे बैठा था. अब मैने उसके निपल्स को अपनी उंगलियों के बीच मे ले लिया ओर दबाने लगा फिर मैने उसके निपल्स को खिचना शुरू कर दिया जिससे वो ओर ज़ोर से रोने लगी. साली रंडी के निपल्स लाल होने लगे थे ओर उसके मम्मो पर खून की
नसे उभर आई थी जैसे लग रहा था के अभी फॅट जाएँगी. मैने उसके दूसरे निपल को अपने मूह मे ले लिया ओर बहुत ज़ोर से कटा. वो दर्द के मारे उछालने लगी. अब मैं धीरे धीरे उसकी नंगी कमर ओर पेट पर हाथ फिरा रहा था ओर अपने नाख़ून
रग़ाद रहा था. उसकी पीठ पर मेरे नखोनो के निशान नज़र आने लगे. अभी भी उसका निपल मेरे मूह मे था ओर मैं उसे बहुत ज़ोर से चूस ओर काट रहा था. कभी रिघ्त निपल कभी लेफ्ट निपल. अब मैने उसके पायज़मेर के उपर से ही उसकी छूट पे
हाथ फिरने लगा. मूज़े उसकी छूट पे हल्के हल्के बाल महसूस हो रहे थे. उसकी छूट को ड़खने की कल्पना से ही मेरा लंड पैंट मे फटने को त्यआर था. मुजसे कंट्रोल नही हो पा रहा था. मैने उसके पायज़मे के नडे को खोलने की कोशिश की
तो उसमे गाँठ लग गयी. मैने एक ही झतके मे नडा तोड़ने की कोशिश की तो नडा मजबूत ाओने के कारण उसकी पीठ मे चुबने लगा. मैने ज़ोर लगाया तो वो नडे के साथ आगे की तरफ खिसकी ओर फर्श पे खिसकती हुई लेट सी गयी. मैने ओर ज़ोर लगाया
तो नडा टूट गया. मैने बेहन की लोदी का पायज़मा निकल कर साइड मे पहंक दिया अब वो सिर्फ़ ब्लॅक कलर की पनटी मे थी. वो पनटी मे से उसकी छूट के होठों के उभर सॉफ दिख रहे थे. उसने शर्मा के अपने पैर भिच लिए जिससे उसकी छूट की
फांके मूज़े दिखानी बंद हो गयी. मैने उसके दोनो पैर पकड़ कर ज़ोर से अलग कर दिए ओर इतनी ज़ोर से अलग किए के उसके पैरों के जोड़ यानी उसकी छूट के पास दाद्र होने लगा. उसकी आँखों से लगातार आँसू आ रहे थे पर मुझ पे हैवानियत
सॉवॅर थी. अब मुजसे बर्दस्त कर्मा मुश्किल हो गया मैने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए. मेरा लंड लोहे की तरह टाइट हो रहा था ओर फटने वाला था. मैने फिर उसके बाल पकड़ कर उसे दीवार के सहारे बिता दिया. अब मैं यूस्क
बेहन की लोदी के पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा. गोरा मलाई जैसा बदन बहुत टेस्ट आ रहा था. अब मैने उससे कहा के देख साली मैं तेरी छूट तो ज़रूर मारूँगा ओर अगर तूने बीच मे कोई हरकत की तो तेरा गला दबा दूँगा. वो मेरी
आँखों मे वहशिपान देख कर दर गयी. मैने उसके मूह की पट्टी खोल दी तो वो मेरे आगे गिड़गिदने लगी प्ल्ज़ मूज़े छोड़ दो मैने आज तक अपना नंगा बदन किसी को नही दिखाया. मेरे साथ ऐसा मत करो मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू. पर मुज
पर तो उसकी छूट मरने का भूत सॉवॅर था. मैना कहा हरमज़ड़ी चुप कर, चुपचाप जैसा मैं कहता हू वैसा कर नही तो तेरा वो हाल करूँगा के तू चलने लायक भी नही रहेगी. एसा कह कर मैने अपना लंड उसके होठों से लगा दिया उसकी साँसे जैसे
ही मेरे लंड से टकराई मैं पागल होने लगा. मैने कहा चल साली मूह खोल ओर मेरा लंड अपने मूह मे ले. उसने मूह नही खोला तो अमाइन ज़ोर से उसके निपल्स भिच दिए वो दर्द के मारे छीलाने लगी तो उसका मूह खुला. मैने उसका मूह खुलते
ही अपना लंड उसके मूह मे दल दिया. वो अपना सिर हिलने लगी तो मैने फिर एक जोरदार तपद उसके मूह पर मारा. उसने मूह हिलना बंद कर दिया. अब मेरा लंड उसकेर मूह मे था मैं धीरे धीरे उसके मूह को छोड़ने लगा. फिर मैं तेज स्पीड से
उसका मूह छोड़ने लगा ऐसा लग रहा था के उसके होंठों के जोड़ फॅट जाएँगे क्योंकि मेरा 5 इंच का मोटा लंड पूरा उसके मूह मे था उसे सांस लेने मे दिक्कत हो रही थी पर मैं उसका मूह छोड़ रहा था. मैने अपना लंड उसके गले तक उतार
दिया उसके मूह से थूक बह कर उसकी चुचियों पे गिर रहा था जिसे मैं अपने हट से सूकी चुचियों पर मसल रहा था. वो उन्ह……. उन्ह…….. कर रही थी ओर मैं उसके गले तक अपने लंड को थोक रहा था. साली रंडी पूरा लंड मूह मे ले गयी मेरा लंड
उसके मूह के अंदर जाकर अपनी जगह बनता ओर उसके गले तक जाता. अब मेरा पानी निकालने वाला था तो मैं ईक जोरदार ढाका लगाया ओर मेरा लंड उसके गले मे फँस गया. वो दर्द के मारे हाथ पैर मरने लगी उसकी आँखें बाहर आने को हो रही थी.
मैना अपने लंड का पानी उसके मूह मे छोड़ दिया. मेरे लंड से बहुत सारा माल निकला ओर मैने आख़िरी बूँद निकालने तक अपना लंड बाहर नही निकाला. मेरा सारा पानी उसके गले मे कहल गया था. जब मैने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बड़ी
बड़ी साँसे लेने लगी. वो खो खो करने लगी ओर उसने मेरे लंड का तोड़ा सा पानी थूक दिया. मैने एरह देखा तो उसका सिर पकड़ कर उसके मूह को फर्श पे बिधा दिया जहाँ उसने मीट लंड का पानी ठुका था. मैना कहा साली मा की लोदी, बहनचोड़
की बची, साली रन मेरा पानी ठुकती है. चल इसे छत कर पी जा. वो नही मानी तो मैने अपने पेर की एक जोरदार ठोकर उसकी गांद पे मारी. वो दर्द के मारे तड़पने लगी. मैने फिर उसके बाल पकड़ कर उसका मूह फर्श पे गिरे मेरे पानी की तरफ
किया तो उसने जीभ निकल कर चाटना शुरू कर दिया. ऐसा करते हुए वी उबक ले रही थी. अचानक वो उठी ओर भाग कर वाज़ वाषिोन के पास गयी ओर उसने व्हन उल्टी कर दी. मैने फिर उसकी गांद पे जरदार तमाचा मारा. फिर उसने पानी से कुल्ले किए
ओर ज़ोर से बोली मैं तुम्हारी मम्मी से कहूँगी के तुमने मेरे साथ क्या किया. मैना कहा बहनचोड़ रंडी साली तेरे साथ अभी कुछ किया नही अभी तो तेरी वो हाला बनौँगा के तो मुजसे बिख माँगने लगेगी. वो फिर मूज़े ढाका दे कर दूर
कर्मा लगी तो मैने उसके बाल पकड़ कर उसके सिर को धीरे से टाय्लेट की दीवार से दे मारा. वो घबरा गयी फिर मैने उसे नीचे बिता दिया ओर अपना लंड चूसने के लिए कहा. उसने धीरे से मूह खोला तो मैना अपना सेमी एरेक्ट लंड उसके मूह
मे दल दिया. उसके मूह मे जाते ही मेरा देसी गर्ल का हॉट फिगुर लंड फिर से खड़ा होने लगा. फिर थोड़ी देर लंड च्सने के बद्ड मैने उसकी पनटी को खींच कर उसके पैरों से अलग कर दिया. अब वो बिल्कुल नंगी थी ओर मैं बी. उसकी पिंक
छूट पे होत बहुत प्यारे लग रहे थे. उसकी छूट पे हल्के हल्के बाल थे शायद उसने थोड़े दिन पहले ही सॉफ किए थे. मीयन उसकी छूट पर झुक गया ओर अमाइन अपनी जीभ उसकी छूट पे फिरनी शुरू कर दी. अब उसे गुदगुदी हो रही थी ओर वो अपनी
गार्डेन उठा कर लंबे लंबे साँस ले रही थी. अचानक टाय्लेट क गाते खुला ओर सोनम अंदर आई. वो शायद उसे ढूंड रही होगी ओर टाय्लेट की लाइट जलते देख वाहा आ गयी. उसे देखते ही कविता बहुत ज़ोर स रोने लगी ओर बोली देख विकी मेरे
साथ क्या कर रहा है, सोनम बाहर भागने लगी तो मैने उसे पीछे से पकड़ लिया ओर उठा कर उसे भी टाय्लेट मे ले आया. मैने कविता का पाजामा उठाया ओर उससे सोनम के पैर बाँध दिए ओर उसे फर्श पे बिता दिया. मैने कहा के साली बाहर जा कर
अपनी मा चुडवाएगी क्या देख साली रांड़ कैसे तेरी रंडी बेहन की छूट मरता हूट एर सामने. वो बोली नही प्ल्ज़ हमे छोड़ दो तो मैने कहा साली तू यहाँ क्या गांद मर्वानी आई थी साली रंण्द मूज़े अभी मज़ा लेने दे ओर चुपचाप यहा
पड़ी रेझ वरना इसके साथ तेरी भी गांद मरूणग. कविता बोली के प्ल्ज़ इसके सामने नही इसे जाने दो मैने कहा साली तू ज़्यादा स्यनी बन रही है ये बाहर जाकर चुपचाप थोड़े ही बैठेगी. इसे यही पड़ा रहनाए दे यह कह कर मैं फिर
उसकी छूट चाटने लगा. मैं अपनी जीभ उसकी छूट मेर घूमने लगा कविता को बहुत शरम आ रही थी की वो पानी बेहन के सामने नंगी थी ओर मैं उसे छोड़ने जा रहा था. अब मैने कविता को फर्श पे लिटा दिया ओर उसकी टाँगे पकड़ के अलग अलग फैला
दी जिससे उसे बहुत दर्द हुआ पर इस हालत मे उसकी छूट बिल्कुल मेरे सामने थी. मैने अपना लंड उसकी छूट पे लगाया ओर एक ज़ोर से ढाका दिया. मेरा लंड का उपरी हिसा उसकी छूट मे चला गया. वो दर्द के मारे छीलाने लगी बोली सोनम
मूज़े बचाओ मैं मार जौंगी. सोनम उसकी तरफ खिसक कर आ गयी तो मैने कहा देख साली तेरी बेहन की छूट कितनी टाइट है. तेरी भी ऐसी है क्या तो वो कुछ नही बोली बस आँखे फाडे कविता की छूट मे गये मेरे लंड को देखती रही. अब मैने ओर
ज़ोर से झटका मारा तो कविता उपर तक उछाल गयी. उसकी छूट मे जैसे मिर्चे लग रही थी. पता नही साली की छूट कैसी थी मेरा लंड आगे नही जा रहा था. मैं दीरे धीरे अपने लंड पे ज़ोर देना शुरू किया तो मेरा लंड कसा कसा उसकी छूट मे
आगे जाने लगा. साली बहनचोड़ की बाकची दर्द के मारे उछाल उछाल कर मेरे लंड को अंदर जाने मे इस्टूरबंसे पैदा कर रही थी. उधर सोनम भी रोने लगी ओर हमारे कम को देख राहगी थी. फिर मेरा लंड तोड़ा ओर उसकी छूट मे गया तो उसकी छूट
मे से हल्का हल्का खून निकल कर बाहर बहने लगा. सोनम एकद्ूम से चीलाई के ये क्या हो रहा है इसकी छूट फॅट गयी है क्या. मैने कहा बहना की लोदी चुप रह जब तेरी छूट मारूँगा तो तेरा भी खून निकलेगा. वो डार्क ए मारे चुप हो गयी.
अब मेरा लंड ओर आगे जाता गया ओर पूरा उसकी छूट मे जाके फस गया. कविता ज़ोर ज़ोर से रोने छीलाने लगी प्ल्ज़ बाहर निकालो मैं मार जौंगी बहुत दर्द हो रहा है सोनम मूज़े बचा इस दरिंदे से मेरे नीचे मिर्चे लग रही है प्ल्ज़
बाहर निकालो. मैने नही सुनी ओर अपना लंड तोड़ा सा बाहर निकल कर एक जोरदार ढाका मारा तो कविता एक ज़ोर की चीख मार के बेहोश हो गयी. मैने अपना लंड उसकी छूट से बाहर निकाला ओर वॉश वासीओं से पानी लेकर उसके मूह पर मारा. वो
होश मे आई ओर ज़ोर से रोने लगी. सोनम बोली प्ल्ज़ इसे छोड़ दो ये मार जाएगी. अब मूज़े ओर गुस्सा आया मैने सोनम के बाल पकड़ के खड़ा किया ओर 3-4 तपद मारे मैने कहा तू अब बोली तो टुजे जान से मार दूँगा. साली रंडी की औलाद चुप
छाप पड़ी रह. अब मैं फिर उसकी तरफ बड़ा तो सोनम ने मेरे पैरों मे अपने पैर लगा कर मूज़े गेर दिया. अब मेरा गुस्सा सातवे आसमान पर था मैने सोनम को फिर खड़ा किया ओर अपने घुटने के टक्कर उसकी छूट पे मारी. वो दर्द के मारे
रोने लगी ओर अपोनी छूट पे हाथ रख के बैठ गयी. मैनेर कहा अब तो टुजे भी इसके साथ छोड़ूँगा. यह सुन कर कविता बोली नही तुम मेरे साथ जो चाहे कर लो पर इसे मत करो. मैने कहा साली तुम दोनो बहनो को रांड़ बना के छोड़ूँगा. अब मैने
सोनम का गाउन कीच कर फाड़ दिया, फिर उसकी ब्रा ओर पनटी भी फाड़ दी ओर उसे बिल्कुल नंगा कर दिया. अब मैने हरमज़ड़ी के बाल पकड़े ओर घसीटता हुआ उसकी बेहन के पास ले गया जो पहले से ही नंगी लेती हुई थी ओर जिसकी छूट से हल्का
हल्का खून आ रहा था. मैने सोनम के बाल पकड़ के उसका मूह कविता की छूट पे रख दिया ओर कहा चल साली रांड़ अपनी बेहन की छूट छत कर मेरे लियूए त्यआर कर. वो ना करने लगी तो मैने उसकी गांद पे 3-4 तपद मारे. उसकी गोरी गांद पे मेरे
हाथ के निशान छाप गये. वो रोम लगी ओर उसने झुक कर अपनी बेहन की छूट पे अपना मूह रख दिया. मैना कहा मदारचोड़ की बच्ची ऐसे नही अपनी जीभ निकल कर छत ओर सॉफ कर. वो झुक कर अपनी जीभ निकल के उसकी छूट चाटने लगी तो मैने पीछे से
सोनम की छूट मे अपनी उंगली दल दी. वो चिहुक उठी पर उसने छूट चाटना जारी रखा. फिर मैने अपनी 3 उंगलियाँ उसकी छूट मे दल के उसे तोड़ा सा उपर उठा दिया. उसके पैर ज़मीन से तोड़ा उपर हो गये, मैं 3 उबलियों से उसकी छूट ज़ोर ज़ोर
से छोड़ने लगा. वो दर्द के मारे रो रही थी ओर साथ साथ छूट भी छत रही थी. अब मैने उसके बाल पकड़ के उसे सीधा किया ओर उसे नीचे बिता दिया. मेरे लंड पे कविता की छूट का खून लगा था जो सच चक्का था. मैने अपना लंड सोनम के होंठों
के पास किया ओर कहा ले रान तेरी बेहन की छूट का खून छत कर सॉफ कर. उसे बहुत घृणा हो रही थी पर मैने उसका गला दबा दिया जिससे उसका मूह खुल गया ओर मैने अपना लंड उसके मूह मे अल दिया ओर बहुत बुरी तारा उसका मूह छोड़ने
लगा. उसकी आँकेह दर्द के मारे बहुत छोड़ी हो गयी थी. मैने 10 मिनिट तक उसका मूह छोड़ा फिर मैने अपना लंड उसके मूह से बाहर निकल कर साथ मे लेती कविता की छूट पे लगा क ईक जोरदार ढाका मारा तो मेरा लंड तोड़ा गीला होने के कारण
एक ही झटके मे पूरा अनार चला गया. कविता दर्द के मारे रोने छीलाने लगी बोली हरामी ये क्या कर रहा है. मैं मार जौंगी पर मैने नही सुना ओर साली रांड़ को बहुत बुरी तरह छोड़ने लगा. मैं एकूं वहशी की तरह उसे छोड़ रहा था.
हर ढके मे वो गांद उछालती जिससे मेरा लंड उसकी छूट मे अंदर तक चला जाता. सोनम फर्श पे बती अपनी साँसों को कंट्रोल कर रही थी क्योंकि उसके मूह की चुदाई से उसकी साँसे फूल गयी थी. करीब 15 मिनिट तक कविता को छोड़ने के
बाद मेरा पानी निकालने वाला था तो मैने अपना लंड उसकी छूट से बाहर निकल के सोनम के पास गया ओर उसका गला दबा कर उसका मूह खुलवा कर अपना लंड उसके मूह मृए दल डियै ओर पूरा ज़ोर लगा कर उसके गले तक दस कर उसका मूह छोड़ने लगा
ओर अपना पानी उसके मूह मे गिरा दिया. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाला ओर अपने हाथ से उसका मूह बंद कर दिया ओर उसे मेरा सारा पानी पीने के लिव मजबूर कर दिया. उसके बाद भी मेरी हवश मिटी नही मैं उन दोनो बहनो को एक ही रात मे
अपनी रांड़ बनाना चाहता था. अब मैं कविता के पास गया ओर उसको टाय्लेट की शीट पर बिता कर उसके पैरों को टाय्लेट की शीट से बाँध दिया ओर उसके हाथो को भी पीछे ले जाकर बंद दिया. अब मैने सोनम को अपनी ओर खिछा ओर उसे कविता के
सामने खड़ा कर दिया ओर कविता से उसकी छूट चाटने को कहा. कविता अपनी छोटी बेहन की छूट चाटने लगी तो सोनम बोली दीदी प्ल्ज़ मूज़े इस से बचा लो. पर कविता कुध मजबूर थी ओर बँधी हुई थी. इसलिए वो सोनम की छूट मे अपनी जीभ चलाने
लगी. मैं सोनम के पीछे जाकर उसकी गांद पे हाथ फिरने लगा बहुत ही मुलायम गद्देदार गांद थी सोनम की. मैने उसकी गांद पर कई जगह चिकोटी कटी तो वो उछालने लगी उसे बहुत दर्द हो रहा था. अब मैने अपनी एर्क उंगली सोनम के कूम मे
दल दी उसने मेरी उंगली पर हल्का सा काट लिया तो मैने अपनी 4 उंगलिया उसके मूह मे दल दी ओर उसके मूह को पूरा खोल दिया उसका थूक बाहर गिरने लगा. मारा लंड तोड़ा सा ढीला हुआ तो मुज़ेर पिशब लगी. मैने पीछे खड़े होके सोनम की
गांद पे अपने पीसभ की धार मारनी शुरू कर दी. फिर मैने अपना पीसभ बीच मे ही रोका ओर सोनम को हटा के कविता के मूह पे अपने पिशब की धार मरने लगा. तोड़ा सा पिशब उसके मूह मे भी कहल गया. अब मैने फिर सोनम को आगे कर दिया ताकि
गुदाई उसकी छूट छत सके. फिर मैने अपनी एक उंगली सोनम की गणन्ड़ मे लगाई ओर झटके से अंदर डाली. वो छीलाने लगी ओर बोली क्या कर रहे हो. मैने कहा साली मा की लोदी तू बहू नाटक कर रही तीन आ अब तेरी गांद मारूँगा. कविता बोली नही
प्ल्ज़ ऐसा मत करो वहाँ मत डालो तुम जो कहोगे मैं करूँगी. मैना कहा रांड़ साली मादरचोड़ अब तो तू करेगी ही लेकिन तूने मूज़े गिराया था अब मैं टुजे तेरी नज़रों मे ही गिरा दूँगा. उसकी गांद बहुत टाइट थी मेरी उंगली ही
बड़ी मुश्किल से जा रही थी.आगे की कहानी जारी रहेगी तबटक के लिए पेड़ते रहिए कामुक गरम कहानिया सेक्श्वसना डॉट कॉम पे
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